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लोन लेने की प्रक्रिया में सिबिल स्कोर बहुत अहम भूमिका निभाता है। बैंक और एनबीएफसी इसकी मदद से यह समझती है कि लोन आवेदक कितना भरोसेमंद है। सिबिल स्कोर के आधार पर लोन संबंधित कई सारे निर्णय लिए जाते हैं जैसे लोन राशि लिमिट, ब्याज दर, आदि।
सिबिल स्कोर अपडेशन का अर्थ है आपकी क्रेडिट रिपोर्ट और क्रेडिट स्कोर को अपडेट करने की प्रक्रिया। इसे बनाए रखने का काम सिबिल (CIBIL अर्थात क्रेडिट इनफार्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) का होता है। सिबिल वित्तीय संस्थाओं से जानकारी लेकर सिबिल अपडेशन करता है। इस ब्लॉग में हम इससे संबंधित कई बातें जानेंगे जैसे सिबिल स्कोर कितने दिन में अपडेट होता है और सिबिल स्कोर कैसे इम्प्रूव करे।
अगर सिबिल स्कोर अच्छा हो तो आपको लोन से संबंधित बहुत फायदे होते हैं। आपको लोन मिलना आसान हो जाता है। कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान आपका क्रेडिट इतिहास देखकर ही लोन स्वीकृत या अस्वीकृत करने का फैसला करता है। आमतौर पर 700 से ऊपर सिबिल को अच्छा माना जाता है।
अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो आपको कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है क्योंकि अच्छा स्कोर यह दर्शाता है कि आपको पैसा उधार देने में जोखिम कम है। अच्छा सिबिल स्कोर होने पर प्रीमियम क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है।
सिबिल ब्यूरो आपका स्कोर आमतौर पर 30 से 45 दिन में अपडेट करता है। हर कुछ दिनों में वित्तीय संस्थान जैसे बैंक और एनबीएफसी आपकी क्रेडिट संबंधित जानकारी सिबिल और अन्य क्रेडिट ब्यूरो को भेजते हैं। इसमें आपका क्रेडिट कार्ड का कुल उपयोग, लोन रीपेमेंट, कितना लोन चुकाना बचा है, कितनी बार लोन आवेदन दिया है, ऐसी जानकारी होती है।
यह सब जानकारी के आधार पर सिबिल ब्यूरो आपका क्रेडिट मूल्यांकन करता है और आपका सिबिल स्कोर अपडेट करता है।
सिबिल स्कोर अपडेट होने की प्रक्रिया में दो संस्थाओं की अहम भूमिका होती है। पहली है आपकी बैंक या वित्तीय संस्थान जहाँ से आपने पैसा उधार लिया है और दूसरी है सिबिल।ये वित्तीय संस्थान नियमित रूप से आपकी क्रेडिट संबंधित जानकारी सिबिल और अन्य क्रेडिट ब्यूरो को रिपोर्ट करते हैं।
इसके बाद सिबिल सारी वित्तीय संस्थाओं से ये रिपोर्ट प्राप्त करता है और क्रेडिट रिपोर्ट बनाता है। यह रिपोर्ट के हिसाब से आपका क्रेडिट स्कोर अपडेट होता है। आप बहुत सारे माध्यमों से मुफ्त में अपना सिबिल स्कोर चेक कर सकते हैं।
सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। यह जितना ज़्यादा होता है, लोन आवेदक को उतना ही अधिक भरोसेमंद माना जाता है। आइये इन श्रेणियों को समझते हैं –
800 से 900:
इस श्रेणी में आने वाले लोगों को सबसे आसानी से लोन मिल जाता है। उन्हें बाकी सब की तुलना में कम ब्याज दर और अधिक क्रेडिट लिमिट मिलती है।
700 से 799:
इन लोगों का भी क्रेडिट इतिहास अच्छा होता है और ये आसानी से लोन प्राप्त कर पाते हैं।
600 से 699:
इन लोगों को लोन लेने में थोड़ी कठिनाई हो सकती है। हो सकता है उन्हें ज़्यादा ब्याज पर लोन मिले और लोन शर्तें उनके अनुकूल न हो।
500 से 599:
इन लोगों को पैसा उधार लेने में और अधिक कठिनाई आएगी। अगर आप ऐसी परिस्थिति में हैं तो आप कुछ गिरवी रखकर सिक्योर्ड लोन ले सकते हैं।
300 से 499:
ऐसा सिबिल स्कोर उन लोगों का होता है जो बार-बार देर से भुगतान करते हैं और बहुत अधिक लोन लेते हैं। इन लोगों का लोन स्वीकृत होने की संभावना सबसे कम होती है।
अगर आपने आज तक बहुत कम राशि का लोन लिया है या कम बार लोन लिया है तो सिबिल ब्यूरो के पास आपका स्कोर अपडेट करने के लिए ज़रूरत से कम जानकारी होगी।
कभी-कभी बैंक और अन्य संस्थाएं रिपोर्ट भेजने में ज़्यादा समय लगा देती हैं। अगर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में हाल ही की गतिविधियां नहीं है तो आप अपनी लोन कंपनी या ब्यूरो से संपर्क कर सकते हैं।
यदि आप अपने सिबिल स्कोर के बढ़ने का इंतज़ार कर रहे हैं और ऐसा नहीं हो रहा है तो इसका कारण हो सकता है कि रिपोर्ट में कुछ गलत जानकारी है।
आपका सिबिल स्कोर कितने समय में सुधरेगा, यह बहुत सारी बातों पर निर्भर करता है। अगर आपने हमेशा लोन भुगतान समय पर किया है और आपका स्कोर अच्छा है तो इसे और ऊपर ले जाने में ज़्यादा समय नहीं लगेगा।
अगर आपने भुगतान में देरी की है या लोन डिफ़ॉल्ट किया है और आपका स्कोर काफी कम हो गया है, तो उसे ऊपर जाने में दो साल या उससे ज़्यादा समय भी लग सकता है।
अगर आपको कम से कम समय में अपना सिबिल बढ़ाना है तो हमेशा ईएमआई का भुगतान समय पर करें और अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग आपकी लिमिट के 30% से ज़्यादा न करें।
अच्छी शर्तों पर लोन लेने के लिए आपका सिबिल स्कोर ज़्यादा होना बहुत ज़रूरी है। आपका लोन स्वीकृत होता है या अस्वीकृत, यह कुछ हद तक आपके सिबिल स्कोर पर निर्भर करता है।
आमतौर पर बैंक और एनबीएफसी की न्यूनतम सिबिल स्कोर की शर्त होती है। वे उससे कम स्कोर वाले व्यक्ति को लोन नहीं देते हैं।
आपका सिबिल स्कोर जितना अधिक होगा, लोन कंपनियों का आपको कम ब्याज दर पर पैसा उधार देने की उतनी ही संभावना बढ़ जाएगी। बेहतर सिबिल स्कोर से अधिक क्रेडिट लिमिट भी आसानी से मिल जाती है और पुनर्भुगतान विकल्प भी ज़्यादा मिलते हैं।
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अब आप जान गए हैं कि सिबिल स्कोर कितने दिन में अपडेट होता है और सिबिल स्कोर कैसे इम्प्रूव करे। आपको समय-समय पर अपना क्रेडिट स्कोर चेक करना चाहिए और अगर कुछ गड़बड़ लग रही है तो तुरंत ब्यूरो से संपर्क करना चाहिए।
अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो आप ज़िंदगी में कम ब्याज दर पर लोन लेकर बहुत सारे पैसे बचा सकते हैं और अपने पैसों को बेहतर रूप से मैनेज कर सकते हैं।
क्रेडिट स्कोर बढ़ने में कुछ महीनों से लेकर कुछ साल लगते हैं। एक महीने में आपके क्रेडिट स्कोर पर कुछ ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा।
जब लोन कंपनियां आपका स्कोर चेक करती हैं तो इसे हार्ड इंक्वायरी कहा जाता है। यह अगर कम समय में ज़्यादा बार हो तो आपका स्कोर कम हो सकता है।
अगर आप अपने स्कोर रोज़ चेक करेंगे तो कुछ नहीं होगा पर आपको ऐसा करने की ज़रूरत नहीं है। आपको समय-समय पर स्कोर देखना चाहिए या लोन आवेदन से पहले चेक करना चाहिए।
नहीं, आपके खाते में कितने पैसे हैं इससे क्रेडिट स्कोर प्रभावित नहीं होता है।
इसके लिए अपने लोन और क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान हमेशा समय पर करें और क्रेडिट कार्ड लिमिट का 30% से अधिक उपयोग न करें।