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आपने विज्ञापनों में देखा होगा या लोगों से सुना होगा कि कैसे किस्त या ईएमआई की मदद से लोग आसानी से अपनी मनपसंद बाइक खरीद लेते हैं. आजकल बहुत सारे लोग पर्सनल लोन की मदद से बिना अपना बजट अस्त-व्यस्त किए बाइक जैसे बड़े खर्चे उठा लेते हैं.
किस्तों पर बाइक लेने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आप इस बड़े खर्चे को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर आसानी से बाइक खरीद पाते हैं. आपको अपने इन्वेस्टमेंट या सेविंग से पैसा नहीं लेना पड़ता है. आइये देखते हैं बाइक फाइनेंस कैसे होती है.
जब हम सोचते हैं कि बाइक लोन कैसे लें, तो सबसे पहले मन में यह सवाल आता है कि कितना लोन मिल सकता है. यह बैंक और एनबीएफसी की क्रेडिट पॉलिसी और आपके क्रेडिट इतिहास पर निर्भर करता है कि आपको बाइक या स्कूटर की कीमत का कितना प्रतिशत पैसा लोन के रूप में मिल सकता है.
वैसे तो आपको टू व्हीलर की कीमत का 100% लोन भी मिल सकता है, अधिकांश लोन कंपनियां आपको वाहन के मूल्य का 80% से 90% तक का लोन दे देंगी। जैसे अगर आप 2 लाख की बाइक ले रहे हैं तो आपको 160000 तक का बाइक लोन अधिकतर लोन कंपनियों से मिल सकता है अगर आप उनकी योग्यता शर्तें पूरी करते हैं.
अगर आपको टू व्हीलर खरीदने के लिए पूरे पैसे चाहिए तो आप पर्सनल लोन भी ले सकते हैं. आप ज़ाइप से ₹5 लाख तक के पर्सनल लोन के लिए 5 मिनट से कम में भी अप्लाई कर सकते हैं और उस लोन राशि का 3, 6, 9 या 12 ईएमआई में पेमेंट कर सकते हैं.
जब आप बाइक या स्कूटर लेने के लिए लोन लेते हैं तो आपको एक साथ पूरा पैसा नहीं देना पड़ता। इससे आपके जमा किए हुए पैसे भी बच जाते हैं और आपका बजट भी नहीं गड़बड़ाता। आइये देखते हैं बाइक फाइनेंस कैसे होती है और इसके क्या फायदे हैं:
अगर बाइक आपके बजट से बाहर है तो आपको समझौता करने की ज़रूरत नहीं है. आप अपनी मनपसंद बाइक लेने के लिए टू व्हीलर लोन ले सकते हैं और आसान किस्तों में भरपाई कर सकते हैं.
भारत में टू व्हीलर लोन की ब्याज दर लगभग 7% प्रति वर्ष से शुरू होती है. लोन कंपनियां टू व्हीलर लोन कम ब्याज दर पर देती हैं ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग किस्तों पर गाड़ियां खरीदें। इसकी वजह से टू व्हीलर लोन किफायती माना जाता है.
हर लोन कंपनी रीपेमेंट अवधि के अलग-अलग विकल्प देती है. आप अपनी सैलरी, खर्चे, बजट, आदि के हिसाब से ऐसा ईएमआई विकल्प चुन सकते हैं जो आप आसानी से हर महीने चुका पाएंगे।
बाइक लोन लेते समय सावधानी न बरतने पर कुछ परेशानियां भी आ सकती हैं. आपको लोन लेते समय यह देख लेना चाहिए कि आप आसानी से किस्तों को भर पाएंगे या नहीं क्यों कि ब्याज और बाकी शुल्कों की वजह से हर महीने का खर्चा बढ़ जाता है.
अगर आप ईएमआई नहीं भरते हैं तो आपको पेनल्टी भरनी पड़ेगी और लोन कंपनी आपकी गाड़ी ज़ब्त भी कर सकती है. इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी कम हो जाएगा।
अगर बाइक की किस्त चल रही होती है तो उसे बेचने में भी परेशानी आ सकती है.
हर बैंक और एनबीएफसी की लोन रीपेमेंट अवधि की सीमा अलग-अलग होती है. यह लोन के प्रकार, कंपनी क्रेडिट पॉलिसी और ग्राहक की क्रेडिट प्रोफाइल पर भी निर्भर करती है. भारत में ज़्यादातर बाइक लोन की अवधि एक साल से सात साल के बीच होती है.
बाइक लोन लेने से पहले हमेशा लोन कंपनियों के ब्याज दर की तुलना करनी चाहिए। भारत में अधिकतर बाइक लोन की ब्याज दर 7% प्रति वर्ष से 30% प्रति वर्ष के बीच में है. ब्याज दर बहुत सारी बातों पर निर्भर करती है जैसे ग्राहक का क्रेडिट स्कोर, लोन अमाउंट, लोन रीपेमेंट इतिहास, आदि.
हर लोन कंपनी की योग्यता शर्तें अलग-अलग होती हैं पर आमतौर पर ये सारी मांगें होती हैं –
– भारत की राष्ट्रीयता होनी चाहिए।
– आपकी आयु 18 से अधिक होनी चाहिए।
– आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होना चाहिए। हर लोन कंपनी का न्यूनतम क्रेडिट स्कोर का मानदंड होता है.
– आपके पास आइडेंटिटी डॉक्यूमेंट होने चाहिए।
– आपके पास रोज़गार का साधन होना चाहिए।
– आपका पुनर्भुगतान इतिहास अच्छा होना चाहिए।
बाइक लोन देने के लिए लोन कंपनियां आप से ये डॉक्यूमेंट मांग सकती हैं –
पहचान प्रमाण – पहचान वेरीफाई करने के लिए पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या वोटर आईडी कार्ड मांगा जा सकता है.
पता प्रमाण – इसके लिए लोन कंपनियां उपयोगिता बिल (utility bill), राशन कार्ड और रेंटल एग्रीमेंट जैसे डॉक्यूमेंट मांग सकती है.
आय प्रमाण – आप से बैंक स्टेटमेंट, सैलरी स्लिप या इनकम टैक्स रिटर्न मांगकर यह सुनिश्चित किया जाता है कि आप कर्ज़े की भरपाई करने में सक्षम हैं या नहीं.
अब आप जानते हैं कि कौन से डॉक्यूमेंट तैयार रखें और बाइक लोन कैसे लें.
बाइक खरीदना हमारी ज़िंदगी के सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक होता है. हमेशा सूझ-बूझ कर समझदारी से बाइक फाइनेंस करानी चाहिए और इस में बिलकुल भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए। वैसे तो लगभग हर टू व्हीलर पर बाइक लोन मिल जाता है, आप इन गाड़ियों को बाइक लोन के द्वारा खरीदने के बारे में सोच सकते हैं –
– हीरो स्प्लेंडर प्लस– हीरो एचएफ डिलक्स– बजाज प्लेटिना – टीवीएस रेडर 125 – बजाज पल्सर– होंडा शाइन– हीरो ग्लैमर– टीवीएस अपाचे – हीरो पैशन– यामाहा एमटी– हौंडा एक्टिवा– यामाहा आर15 – एक्सेस 125 – टीवीएस जुपिटर
आइये देखते हैं कि ईएमआई पर बाइक कैसे ले सकते हैं. आप इन तीन माध्यमों से भारत में बाइक लोन ले सकते हैं –
आप सरकारी और गैर-सरकारी बैंकों से बाइक फाइनेंस करवा सकते हैं. आप उनकी वेबसाइट पर योग्यता शर्तें और बाइक लोन जानकारी पढ़ सकते हैं या उनकी शाखा में जाकर भी पूछताछ कर सकते हैं. आपको उस बैंक से ज़रूर बैंक लोन की जानकारी लेनी चाहिए जहाँ आपका खाता खुला हुआ है.
एनबीएफसी में बाइक लोन सरकारी बैंक की तुलना में तेज़ी से और कम पेपरवर्क के साथ मिल जाता है.
इनसे लोन लेने पर प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है क्योंकि इनके लोन कंपनियों के साथ टाई-अप (partnership) होते हैं.
अब आप जान गए हैं कि बाइक फाइनेंस कैसे होती है.
इसके पहले कि आप यह सोचें कि किस्तों पर बाइक कैसे लें, आपको पता होना चाहिए कि आपका कुल कितना खर्चा होगा, बाइक का ऑन-रोड प्राइस कितना है और आप कितना डाउन पेमेंट कर सकते हैं. इससे आपको पता चल जाएगा कि आपको कितने लोन की ज़रूरत है.
किसी भी बैंक या एनबीएफसी में अप्लाई करने से पहले उनकी योग्यता शर्तें या पात्रता मापदंड देख लेने चाहिए। इससे आपकी एप्लीकेशन अस्वीकृत (Reject) होने से बच जाती है. लोन एप्लीकेशन अस्वीकृत होने से क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है.
जब आप यह योजना बना रहे होते हैं कि बाइक फाइनेंस कैसे करें, आपको यह पता होना चाहिए कि हर महीने कितना पैसा ईएमआई के रूप में दे सकते हैं. उसके अनुसार आपको रीपेमेंट अवधि चुननी चाहिए। इसके लिए आप टू व्हीलर ईएमआई कैलकुलेटर का प्रयोग कर सकते हैं.
आपको ऐसी लोन स्कीम चुननी चाहिए जो आपके लिए फायदेमंद हो. आप अलग-अलग लोन ऑफर की तुलना करके यह निर्धारित कर सकते हैं.
बाइक फाइनेंस के लिए पहचान प्रमाण, पता प्रमाण और आय प्रमाण के डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक स्टेटमेंट, आदि.
भारत में अधिकतर बाइक लोन पर 7% प्रति वर्ष से 30% प्रति वर्ष के बीच ब्याज लगता है.
आपको पूरी कोशिश करनी चाहिए कि हमेशा समय पर ईएमआई का भुगतान करें। कंपनी अपनी क्रेडिट पॉलिसी के हिसाब से आपके ऊपर जुर्माना लगा सकती है. आपको इसकी जानकारी लोन एग्रीमेंट में मिल जाएगी।
आय प्रमाण पत्र के बिना बाइक लोन लेने के लिए आपको सह-आवेदक (co-applicant) के साथ अप्लाई करना पड़ेगा या आपको ज़्यादा ब्याज दर का लोन लेना पड़ेगा।
किस्तों पर मोटरसाइकिल लेने से उसकी कीमत कम या ज़्यादा नहीं होती है. आपको मोटरसाइकिल उतने की ही मिलेगी जो उसकी कीमत है.
हर लोन कंपनी के न्यूनतम सिबिल स्कोर का मानदंड अलग-अलग होता है. अगर आपका सिबिल 700 से ऊपर है तो बाइक लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
600 क्रेडिट स्कोर के साथ बाइक लोन मिलने में मुश्किल आ सकती है. ऐसी परिस्थिति में आप लोन लेने के लिए ज़्यादा डाउनपेमेंट दे सकते हैं या किसी को-एप्लिकेंट के साथ अप्लाई कर सकते हैं.